मौन हुआ संगीत का एक और सुर, दुनिया को अलविदा कह गए पंडित भजन सोपोरी (लीड-1)

Newsdesk Uttranews
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b0716653c8592a2b2ac096ff440ea6e7नई दिल्ली, 2 जून (आईएएनएस)। संतूर वादक पंडित भजन सोपोरी (73) का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को गुरुग्राम में निधन हो गया। पिछले साल जून में पता चला था कि उनकी बड़ी आंत या मलाशय (कोलन) में कैंसर है।

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पद्मश्री, संगीत नाटक अकादमी और जम्मू एवं कश्मीर स्टेट लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजे जा चुके सोपोरी कश्मीर के सोपोर के रहने वाले थे और सूफियाना घराने से संबंध रखते थे। उनके परिवार ने छह पीढ़ियों से अधिक समय तक संतूर बजाया और दिवंगत संतूर वादक ने अपनी पहली सार्वजनिक प्रस्तुति 10 साल की उम्र में दी थी।

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उन्होंने वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी में पश्चिमी शास्त्रीय संगीत सीखा था और बाद में उन्होंने कई वर्षो तक वहां संगीत भी सिखाया। दिवंगत संगीतकार के पास सितार और संतूर दोनों में विशेषज्ञता वाले भारतीय शास्त्रीय संगीत में डबल मास्टर डिग्री थी।

सोपोरी ने संतूर में जरूरी संशोधन करते हुए इसे सुधारने में अत्यधिक योगदान दिया था।

शास्त्रीय संगीत परिदृश्य में पक्षपात के मुखर आलोचक सोपोरी ने 2004 में संगीत अकादमी सा-मा-पा-सोपोरी एकेडमी फॉर म्यूजिक एंड परफॉर्मिग आर्ट्स की स्थापना की। अकादमी ने छात्रों को पढ़ाने के अलावा संगीत को जेल के कैदियों को चिकित्सा के रूप में भी उपयोग किया।

गालिब, जम्मी, मोमिन, इकबाल, फैज और हाली, सोपोरी सहित प्रमुख फारसी और उर्दू गजल लेखकों की हजारों रचनाओं के साथ, उन्होंने कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों के बीच एक सांस्कृतिक संबंध स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सोपोरी ने कश्मीर में संगीत को पुनजीर्वित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

उनके बेटे अभय रुस्तम सोपोरी भी एक कुशल संतूर वादक हैं और उन्हें केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी के उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार और जम्मू-कश्मीर राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। वेस्टर्न क्लासिकल सीखने के बाद वह मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय में सबसे कम उम्र के विजिटिंग फैकल्टी हैं।

अपने पिता के निधन पर अभय ने कहा, वह 73 वर्ष के थे और 22 जून को अपना 74वां जन्मदिन मनाते। हमने वास्तव में एक महान संगीतकार, एक महान इंसान और एक महान पिता खो दिया। मेरे लिए इस पर विश्वास करना और उनके बिना अपने जीवन की कल्पना करना वास्तव में कठिन है।

पंडित भजन सोपोरी के जाने पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शोक व्यक्त किया। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, पद्मश्री पंडित भजन सोपोरी साहब के दुखद निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। मिट्टी के एक महान सपूत, वे भारतीय संगीत की दुनिया में एक ऐसे महानायक थे, जिन्होंने संतूर को अपना दोस्त बनाया। उनकी आत्मा को शांति मिले। मेरी संवेदनाएं उनके बेटे अभय और परिवार के बाकी लोगों के साथ हैं।

–आईएएनएस

एकेके/एसजीके

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