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नई दिल्ली, 2 जून (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि मलयालम न्यूज चैनल मीडिया वन को सुरक्षा मंजूरी से इनकार करना खुफिया सूचनाओं पर आधारित था और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों को देखते हुए वह कारणों का खुलासा करने के लिए बाध्य नहीं है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक हलफनामे में कहा : यह प्रस्तुत किया गया है कि वर्तमान जैसे मामलों में जहां राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामला शामिल है, याचिकाकर्ता कंपनी प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के सख्त अनुपालन पर जोर नहीं दे सकती है और प्रतिवादी नहीं है, याचिकाकर्ता कंपनी को सुरक्षा मंजूरी से इनकार करने के कारणों का खुलासा करने के लिए बाध्य है।
सरकार ने स्पष्ट किया कि टीवी चैनल की अनुमति का नवीनीकरण किसी कंपनी के अधिकार का मामला नहीं है, बल्कि नीति दिशानिर्देशों में परिकल्पित कुछ पात्रता शर्तो को पूरा करने पर दिया जाता है।
हलफनामे में जोड़ा गया, यह प्रस्तुत किया गया है कि एमएचए (गृह मंत्रालय) ने सूचित किया है कि सुरक्षा मंजूरी से इनकार खुफिया इनपुट पर आधारित है, जो संवेदनशील और गुप्त प्रकृति के हैं। इसलिए, नीति के मामले में और राज्य की सुरक्षा के हित में और इसके प्रतिष्ठानों, एमएचए इनकार के कारणों का खुलासा नहीं करता है।
हलफनामे में कहा गया है कि एमएचए, भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 124 के तहत अपनी गुप्त फाइलों पर विशेषाधिकार चाहता है और इस अदालत से प्रार्थना करता है कि फाइलों की सामग्री का खुलासा याचिकाकर्ताओं को नहीं किया जा सकता, क्योंकि इस तरह के खुलासे का दूरगामी परिणाम हो सकता है।
सरकार ने कहा कि इनकार के कारण पहले ही उच्च न्यायालय और शीर्ष अदालत के समक्ष प्रस्तुत किए जा चुके हैं, और अगर उसे इस तरह की रिपोर्ट फिर से जमा करने के लिए कहा जाता है, तो यह एक सीलबंद लिफाफे में किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने 15 मार्च को मलयालम टीवी न्यूज चैनल पर केंद्र के प्रतिबंध पर रोक लगा दी थी।
न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा, मौजूदा चरण में, हमारा विचार है कि याचिकाकर्ताओं की ओर से अदालत द्वारा देखी गई फाइलों की सामग्री को ध्यान में रखते हुए अंतरिम राहत देने का मामला बनाया गया है।
जस्टिस सूर्यकांत और विक्रम नाथ की पीठ ने कहा, 31 जनवरी, 2022 को केंद्र सरकार के आदेश ने याचिकाकर्ता, मध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड को दी गई सुरक्षा मंजूरी को रद्द कर दिया। यह आदेश रुका रहेगा।
पीठ ने याचिकाकर्ताओं को उसी आधार पर समाचार और समसामयिक मामलों के टीवी चैनल का संचालन जारी रखने की अनुमति दी, जिस आधार पर मंजूरी रद्द करने से ठीक पहले चैनल संचालित किया जा रहा था।
10 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने केरल उच्च न्यायालय के 2 मार्च के आदेश को चुनौती देने वाली मीडिया वन की एक याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसने राष्ट्रीय सुरक्षा आधार पर अपने प्रसारण लाइसेंस को नवीनीकृत नहीं करने के केंद्र के फैसले को बरकरार रखा।
उच्च न्यायालय द्वारा सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा उस पर लगाए गए प्रतिबंध को बरकरार रखने के बाद मीडिया वन ने शीर्ष अदालत का रुख किया था।
–आईएएनएस
एसजीके
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