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कोलकाता, 31 मई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भ्रष्टाचार के रास्ते खत्म करने के लिए मंगलवार को निविदाएं जारी करने की ग्रामीण पंचायत निकायों की शक्ति को सीमित करने का आह्वान किया।
मंगलवार को बांकुरा जिले में प्रशासनिक समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने जिला मजिस्ट्रेट राधिका अय्यर को निर्देश दिया कि वे राज्य पंचायत निकायों के लिए अनावश्यक देरी से बचने और भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए निविदाओं को सीमित करें।
उन्होंने कहा, मेरे संज्ञान में आया है कि पंचायतों के पदाधिकारी अक्सर पूरी निविदा प्रक्रिया में देरी करते हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके अपने विश्वासपात्रों को असाइनमेंट मिले। इससे काम की पूरी प्रक्रिया में देरी होती है, जिसके लिए मेरी सरकार और मेरी पार्टी को बदनाम किया जाता है। इसलिए, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि जहां तक संभव हो, राज्य सरकार के विभिन्न विभागों से टेंडर प्रक्रिया करवाएं।
हालांकि, बांकुड़ा जिला प्रशासन के जिलाधिकारी और अन्य नौकरशाह भी घोषित परियोजनाओं के पूरा होने में देरी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री के क्रोध से बच नहीं सके।
मुख्यमंत्री ने जिला मजिस्ट्रेट को संबोधित करते हुए कहा, कुछ परियोजनाएं इसकी घोषणा के छह साल बाद भी पूरी नहीं हुई हैं। जिला प्रशासन राज्य सचिवालय को नियमित कार्य प्रगति पर है रिपोर्ट भेज रहा है। आपके कान बंद रहने चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों के एक वर्ग के ढुलमुल रवैये के कारण आम लोगों को वैध सेवाओं से वंचित कर दिया जाता है, जिसके लिए उनकी सरकार की बदनामी हो रही है।
सोमवार को पुरुलिया में इसी तरह की प्रशासनिक समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी राहुल मजूमदार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मुख्यमंत्री की नाराजगी का सामना करना पड़ा था।
राज्य सरकार के अधिकारियों के एक वर्ग द्वारा जिले के स्थानीय ईंट-भट्ठों से करों के संग्रह में अनियमितताओं की शिकायतों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने सोमवार को पुरुलिया के जिला मजिस्ट्रेट से कहा था कि अगर उनकी पार्टी के किसी पदाधिकारी ने ऐसा किया होता तो वह उसे थप्पड़ मारतीं।
–आईएएनएस
एसजीके
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